बिहार में शिक्षक बनने का सपना देख रहे युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लिया है, जिसके तहत अब शिक्षक भर्ती में B.Ed की अनिवार्यता हटा दी गई है। इस बदलाव से हजारों उम्मीदवारों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो अब तक केवल B.Ed न होने की वजह से आवेदन नहीं कर पा रहे थे।
B.Ed की बाध्यता क्यों हटाई गई?
पिछले कई महीनों से यह मांग उठ रही थी कि शिक्षक भर्ती में B.Ed को अनिवार्य न बनाया जाए। कई उम्मीदवारों ने तर्क दिया था कि D.El.Ed और अन्य समकक्ष शैक्षिक योग्यता रखने वाले भी बच्चों को पढ़ाने में सक्षम हैं। सरकार ने इस मांग को गंभीरता से लेते हुए भर्ती प्रक्रिया को आसान बनाया है।
अब कौन कर सकता है आवेदन?
नई गाइडलाइन के अनुसार अब B.Ed के साथ-साथ D.El.Ed, BTC, और समकक्ष कोर्स पूरा करने वाले उम्मीदवार भी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं। इसका सीधा फायदा लाखों अभ्यर्थियों को मिलेगा, जिनके पास B.Ed नहीं है।
इससे युवाओं को मिलेगा फायदा
बिहार में लंबे समय से शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के लिए यह बड़ा अवसर है। इस बदलाव से न केवल प्रतियोगिता बढ़ेगी बल्कि युवाओं के रोजगार के अवसर भी दोगुने हो जाएंगे। खासकर ग्रामीण इलाकों के अभ्यर्थियों के लिए यह राहत की खबर है।
शिक्षा व्यवस्था पर असर
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से योग्य और प्रशिक्षित उम्मीदवारों को आगे आने का मौका मिलेगा। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ यह भी कह रहे हैं कि शिक्षक की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए उचित प्रशिक्षण बेहद जरूरी है।
आगे की प्रक्रिया
सरकार जल्द ही इसकी आधिकारिक अधिसूचना जारी करेगी, जिसमें आवेदन की तिथि, योग्यता और चयन प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी।